श्री सिद्धेश्वर महाराज महाविद्यालय का उद्देश्य छात्र/छात्राओं के उनके मानसिक शारीरिक तथा आत्मविश्वास की दृष्टि से शिक्षा प्रदान करना है और इस दृष्टि से इसे नगर के साथ-साथ ग्रामीण बीहड़ी क्षेत्रों के विशेष कर पिछड़े निर्बल एवं दलित वर्गों के छात्र/छात्राओं को शिक्षा सम्बन्धी सुविधाएँ प्रदान करने का प्रयास होगा | यह संस्था पूर्णतः असाम्प्रदायिक एवं धर्म निरपेक्ष तथा इसके द्वारा जाति रंग धर्म आदि पर आधारित किसी प्रकार के भेदभाव के बिना समस्त ज्ञान पिपासुओं के लिए खुले है यह संस्था अपने समस्त शिक्षार्थियों से संकीर्णता साम्प्रदायिकता और प्रदेशीय पूर्वग्रहों से ऊपर उठकर सुन्दर स्वास्थ्य और पूर्ण जीवन यापन, चरित्र निर्माण तथा सादा जीवन उच्च विचार के महामंत्र को अपना कर चलने की अपेक्षा करती है|
प्रिय शिक्षार्थियों,
मुझे प्रसन्नता है कि निगड़ा रोड, करमपुर एवं अन्य ग्रामों के विद्यार्थियों को प्रबुद्ध एवं सुशिक्षित बनाने के उद्देश्य से स्थापित इस महाविद्यालय के रूप में आपको माँ सरस्वती की आराधना का अनुपम अवसर प्राप्त हो रहा है । इस पवित्र कार्य में अपने साथ-साथ आपको सम्मिलित कर मुझे असीम प्रसन्नता होगी ।
माँ सरस्वती जी के पवित्र आँगन में आप परिश्रम व लगन से ज्ञानार्जन कर अपने सुन्दर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं । आप ज्ञानार्थ एवं उत्तम नागरिक बनने हेतु महाविद्यालय में प्रवेश ले रहे हैं आपका यह महाविद्यालय वह पावन मन्दिर है जहाँ निरन्तर उद्देश्यपूर्ण परिश्रम से आप अपने सुखद भविष्य का निर्माण कर सकते हैं । महाविद्यालय गुरुजन आपके आदर्श एवं मार्गदर्शक हैं आपको प्रेरणा परामर्श और प्रोत्साहन देने हेतु सदैव तत्पर है । आप अपनत्व की भावना रखते हुए उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें ।
शिक्षक का उद्देश्य मात्र पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करना नहीं वरन बहुमुखी विकास करना है । चरित्र निर्माण प्रथम उद्देश्य है इसके लिए हम प्रयासरत रहेंगे अगले सत्र में हमारा प्रयास अन्य विषयों के अध्यापन के लिए भी हो । शिक्षणेत्तर कार्यक्रमों के लिए हम विशेष आयोजन भी करायेंगे। विषय परिषदों के माध्यम से गोष्टी, भाषण, प्रतियोगिता निबन्ध प्रतियोगिता वाद-विवाद, रंगोली, जैसे कार्यक्रम भी निर्बाध रूप से चलाते रहेंगे । मैं अभिभावकों का आवाहन भी करूँगा कि वह अपने महाविद्यालय को आदर्श बनने में सहयोग करें । इसके लिए उन्हें ह्रदय से जुड़ना है उनका स्वागत है कि वह हमें समय-समय पर सुझाव देते रहें ।
इस वर्ष स्नातक स्तर पर कुछ-कुछ आन्तरिक विषयों कि मान्यता सरकार की निति के अनुसार नहीं मिल सकी है । अगले सत्र में इसका प्रयास किया जा रहा है ।
इस कार्य में योग्य शिक्षक आपके पथ प्रदर्शक होंगे । यदि आप शिक्षकों के प्रति आदर व सम्मान का भाव रखते हुए मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे तो निश्चित ही स्नेह आशीर्वाद से प्रगति के पथ पर आरूढ़ होंगे ।
यही मेरी कामना है ।
धन्यवाद !
डा. सुबोध कुमार चतुर्वेदी
प्राचार्य
एम.एस सी., पी. एच. डी
Considering desire as primary motivation for the generation of narratives is a useful concept.